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पर्यटन एवं तीर्थ स्थलों पर वहां की थीम के अनुसार वन, पार्क व उद्यान विकसित किए जाए, जिससे कि ऐसे स्थानों पर जाने से लोगों को दो पल का सुखद एहसास हो सके

प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 के संबंध में नगरीय निकायों तथा वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से कल दिनांक 05 जुलाई को 25 करोड़ पौधरोपण किया जाना है और प्रत्येक जनपद में इस दौरान वन महोत्सव समारोह का आयोजन भी किया जायेगा। इस कार्यक्रम को दोनों विभागों के अधिकारी गंभीरता से लेंगे और प्रत्येक वन महोत्सव में अधिक से अधिक लोगों व जनप्रतिनिधियों को शामिल कराते हुए वृक्षारोपण एवं वनीकरण के जरिए समाज के लिए लंबे समय तक उपयोगी हो, ऐसे संसाधन खड़े किए जाएं।
श्री ए0के0 शर्मा ने आज अपने कार्यालय कक्ष में दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों तथा जिला स्तर के अधिकारियों के साथ वर्चुअल संवाद कर यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के महत्व को देखते हुए वन विभाग एवं नगर विकास विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय बनाकर कार्य करेंगे। वृक्षों की आपूर्ति में तथा इनके मिलने पर कहीं कोई कमी न रह जाए, इस पर विशेष रूप से ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि नीचे के स्तर पर विशेष ध्यान देकर कार्य करना है, जिससे कहीं पर कोई कमी व चूक न रह जाए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग के लिए जनपदवार 35 लाख पौधरोपण का लक्ष्य है साथ ही नगरीय क्षेत्रों में ’अमृत नगर वन’ स्थापित किये जाने के भी निर्देश हैं। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने नगरों में अनुपयोगी पड़ी खाली जगहों और अतिक्रमण युक्त स्थानों, कूड़ा-कचरे के ढेर से युक्त नगर निकायों के प्लाटों को खाली कराकर वन महोत्सव के दौरान स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप पार्क, गार्डन, उद्यान व वन विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगरी क्षेत्रों के ऐसे प्लाटों, जहां पर गंदगी भरी पड़ी हो, उन्हें चिन्हित करने के निर्देश दिए गए थे। अब ऐसे प्लाटों पर वृक्षारोपण के जरिए हमेशा के लिए सुरक्षित कर समाज के लिए उपयोगी बनाना है।
नगर विकास मंत्री ने यह भी निर्देशित किया है कि नगरीय निकायों में विकसित किए गए रास्तों व फुटपाथों के मध्य डिवाइडर पर अथवा इनके किनारों पर उपयुक्त पौधे लगाकर हरियाली विकसित करने का प्रयास किये जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों पर विशेष पौधों का भी चुनाव किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पर्यटन एवं तीर्थ स्थल जैसे प्रमुख स्थानों पर वहां की थीम के अनुसार वन, पार्क व उद्यान विकसित किए जाए, जिससे कि ऐसे स्थानों पर जाने से लोगों को दो पल का सुखद एहसास हो सके।