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Editorial: आर्कबिशप के बाद वहाबी देवबंद का फतवा क्या सेक्युलरिज्म है? भारत को खंडित करने की साजिश

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Tags: टू नेशन थ्योरी, भारत साफ्ट टारगेट, क्रिस्चियन मिशनरियां,  वहाबी कट्टरपंथ, हिन्दु अल्पसंख्यक, इसाई और ईस्लाम, हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन , पाकिस्तान वहाबी रिपब्लिक, सुन्नी और शिया।, कैराना उपचुनाव, देवबंदी उलेमा, आर्कबिशप अनिल कूटो, सोनिया गांधी वैटीकन से संपर्क
विश्व में भारत ही एक ऐसा साफ्ट टारगेट देश है जहाँ  क्रिस्चियन मिशनरियों और वहाबी कट्टरपंथ का मिला जुला गठबंधन स्थापित हुआ है।  यह गठबंधन भारत को पुन: खंडित करने और हिन्दुओं को अल्पसंख्यक बनाने की एक साजिश है। इसाई और ईस्लाम दोनों ही का उद्देश्य विश्व को अपने धर्म में परिणित करने का है।भोले-भाले आदिवासी गरीब हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन  इसाई मिशनरियां व कट्टरपंथी उलेमा करते हैं।
टू नेशन थ्योरी का जिन्न जिन्ना में प्रवेश कर गया था। इसी कारण जिन्ना ने मुस्लिम लीग की स्थापना की थी। अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के संस्थान सर सईद भी टू नेशन थ्योरी के हिमायती थे। इन्हीं का अनुकरण करते हुये  पाकिस्तान के जिया उल हक ग्रैंड फादर ऑफ ग्लोबल जिहाद के संस्थापक बने।
भारत स्वतंत्र होने के बाद संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत पंथ निरपेक्ष देश बना। टू नेशन थ्योरी पर चलते हुये पाकिस्तान इस्लामिक देश बना।
पाकिस्तान वहाबी रिपब्लिक का रूप ले चुका है। कैराना उपचुनाव के चलते देवबंदी उलेमा ने भाजपा को हराने के लिए मुस्लिमों से रालोद प्रत्याशी तबस्सुम को वोट देने की अपील की है।
पाकिस्तान के पूर्व कानून मंत्री इकबाल हैदर का कहना है कि पाकिस्तान में सक्रिय ज्यादातर जिहादी और आतंकवादी संगठन वहाबी हैं. “चाहे वह तालिबान हो या लश्कर ए तैयबा, उनकी विचारधारा बिना किसी शक के सउदी वहाबी है. इस सभी संगठनों को पाकिस्तानी सेना और उसकी सुरक्षा एजेंसियों का समर्थन मिलता है.”
पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सरकार में कानून मंत्री रहे हैदर सौनिक तानाशाह जियाउल हक को इस बात के लिए जिम्मेदार मानते हैं कि 1980 के दशक में वहाबी संगठनों को धन और हथियार देना सरकारी नीति बनाया गया. उनका कहना है कि जनरल जिया ने उनका इस्तेमाल शिया सहित दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ किया. हैदर के अनुसार शिया समुदाय ईरान से सहानुभूति रखता था. पाकिस्तान में ईरान के लिए समर्थन समाप्त करवाने के लिए सउदी अरब जनरल जिया के जरिये वहाबी संगठनों की मदद करता था.
इस्लाम की कई शाखाएं हैं जिनमें मुख्य शाखाएं दो हैं – सुन्नी और शिया।
सऊदी अरब और क़तर का आधिकारिक पन्थ है हनबली शाखा की वहाबी उपशाखा 7 हनबली का आधुनिक “सुधारवादी” संस्करण सलफी और वहाबी उपशाखाएँ हैं (सलफ ी की ही सबसे कट्टर धारा वहाबी है)
पाकिस्तानी वहाबी कट्टरपंथियों की गिरफ्त में भारत का देवबंद है।
सहारनपुर के देवबंद में गठबंधन का समर्थन करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना हसीब सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा को अगर हराना है और नकारना है तो मुसलमानों को चाहिए कि वह तबस्सुम को वोट दें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से पूरा हिंदुस्तान और पूरी सियासी जमातें परेशान है। साथ ही उन्होंने कहा कि रमजान का महीना है और गर्मी भी है लेकिन सभी लोग वोट जरूर दें।
मोदी सरकार पर साधा निशाना
इस दौरान उलेमा ने  कहा कि मोदी सरकार से पूरा हिंदुस्तान और पूरी सियासी जमातें परेशान और दुखी हैं। भाजपा सरकार से उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह तमाम मुल्क के लोगों के फायदे की बात करे।
जो अपोजीशन बना है वो अच्छी शुरूआत
उलेमा ने कहा कि विभिन्न दलों ने मिलकर जो अपोजीशन बनाया है वह एक अच्छी शुरूआत है। जहां-जहां भी चुनाव चल रहे हैं और चुनाव होने जा रहे हैं वहां के लोगों को चाहिए कि वह अपने वोट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। ऐसा ना हो कि पोलिंग प्रतिशत कम होने से भाजपा को फिर खड़े होने का मौका मिल जाए।
दो दिन पूर्व इसी प्रकार का फतवा इटली के वेटीकन के निर्देश पर भारत के आर्कबिशप अनिल कूटो ने प्रसारित किया था जिसके अनुसार मोदी सरकार को हराने के लिये शुक्रवार को हिन्दुस्तान के चर्चों मेंं प्रार्थना करने को कहा गया है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी इसी प्रकार का फतवा गुजरात के प्रमुख चर्च की ओर से प्रसारित हुआ था जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रवादी पार्टी को हराओ। (अर्थात अराष्ट्रवादी राष्ट्र के विरूद्ध कार्य करने वाली पार्टियों को जीताओ।)
यह सर्वविदित हेै  कि कैथोलिक क्रिस्चियन सोनिया गांधी का निकट संपर्क वैटीकन से है। और यह भी कहा जा रहा है कि फिरोज खान के पौत्र राहुल गांधी बहुरूपीये जनेऊधारी ब्राम्हण हिन्दुओं को विभाजित करने के लिये बने हैं। उन्हीं के निर्देश पर लिंगायत को सिद्धारमैय्या सरकार ने हिन्दुओं से अलग करने की साजिश की थी। दलित व पिछड़े वर्ग को जाति आधार पर विभाजित करने की साजिश भी हो रही है।
भारत की राष्ट्रवादी ताकतों को इससे सजग रहने की जरूरत है और भारत की एकता को बनाये रखने सबका साथ सबका विकास के मार्ग पर चलने का प्रयास कर कट्टरपंथी हिन्दू विरेोधी भारत को विभाजित करने वाले षडयंत्र की गिरपप्त में जनता को न आने दें।