नई दिल्ली. दिल्ली में हवा की गुणवत्ता तीसरे दिन भी ‘गंभीर’ रही. प्राधिकारियों ने निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने के साथ ही लोगों को चेतावनी दी वे कि लंबे समय तक घर से बाहर ना रहें. केंद्र की ओर से संचालित सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसएएफएआर) में वैज्ञानिक गुफरान बेग ने कहा कि पीएम 10 का 24 घंटे की औसत संघनता 1400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही जो कि गंभीर स्तर से तीन गुणा अधिक है.
बेग ने कहा कि अंधड़ से होने वाला प्रदूषण स्थिर होने की उम्मीद थी लेकिन हवा की गति कम हो गई जिससे दिल्ली में प्रवेश करने वाली धूल वातावरण में फंस गई. इससे प्रदूषण लंबे समय तक खिंच गया. सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 से ऊपर रहा. दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 स्तर 756 और दिल्ली में 785 रहा जिससे धुंध जैसी स्थिति रही.
पिछले 24 घंटे में पीएम 2.5 स्तर और खराब हुआ और यह बहुत खराब स्तर से गंभीर हो गया. इसका स्तर दिल्ली..एनसीआर में 268 और दिल्ली में 277 रहा. बेग ने कहा कि पीएम 2.5 स्तर बहुत खराब से गंभीर हो गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हवा की गति कम होने से छोटे कणों की संघनता बढ़ गई और पीएम 2.5 स्तर बढ़ गया.
गौरतलब है कि 0 से 50 के बीच के वायु गुणवत्ता सूचकांक को अच्छा माना जाता है, 51-100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच को मध्यम, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को बहुत खराब और 401-500 ‘गंभीर’ माना जाता है. सीपीसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि वायु की गुणवत्ता में धीरे धीरे सुधार हो रहा है. सीपीसीबी के सदस्य सचिव ए. सुधाकर ने कहा कि स्थानीय निवासियों से अनुरोध किया जाता है कि वे तीन से चार घंटे से अधिक समय बाहर नहीं रहें. उन्होंने कहा, प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
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