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एक ही दिन में जागा प्रशासन, 214 मजदूर अर्जुनी के हॉस्टल में शिफ्ट

बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम धाराशिव में पलायन से लौटे 191 मजदूर, जो परिवार सहित झोपड़ियों में क्वारेंटाइन किए गए थे, बुधवार को 10 किमी दूर अर्जुनी के हॉस्टल में शिफ्ट कर दिए गए, जहां खाना-पानी आदि की सुविधा पंचायत ने उपलब्ध करवाई है। इस संवेदनशील खबर को भास्कर ने बुधवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। ख
खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन सकते में आ गया और सुबह से 6 बसें मजदूरों को लेने गांव पहुंच गईं। पहले तो मजदूर अस्थायी झोपड़ियों में रहने को लेकर अड़े रहे पर अफसरों के समझाने पर शिफ्ट होने तैयार हो गए। 191 के अलावा 23 मजदूर और शिफ्ट किए गए जो बुधवार को ही दूसरे प्रदेशों से धाराशिव पहुंचे थे। कलेक्टर सुनील जैन ने बुधवार सुबह ही खबर पर एक्शन लिया। इसके तुरंत बाद एसडीएम लवानी पांडेय जिला नोडल अधिकारी डॉ. राकेश प्रेमी गांव पहुंच गए। शुरू में तो मजदूर जाने को तैयार नहीं थे, उनका कहना था कि बरसात सिर पर है, खेती किसानी करनी है, यहीं किसी तरह रह लेगें। इस पर एसडीएम और सीईओ अनिल सिंह और जिला नोडल अधिकारी डॉ. प्रेमी ने बीमारी की गंभीरता का हवाला देकर उन्हें समझाया कि झोपड़ियों में रहने से सांप-बिच्छू के अलावा उनकी देखभाल व जरूरत पड़ने पर इलाज में भी असुविधा होगी। श्रमिकों ने कहा कि वे सब कुछ जानकर भी अपनी मर्जी से गांव आए हैं, इसलिए चिंता न करें जिस पर एसडीएम ने कहा ये समय जिद करने का नहीं समझदारी दिखाने का है, गांव में बहुत ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं इसलिए सुरक्षित स्थान पर रहने चलें। मान-मनौव्वल के बाद अंतत: श्रमिक मान गए।
अर्जुनी के छात्रावास को बनाया क्वारेंटाइन सेंटर : अर्जुनी से प्राप्त समाचार के अनुसार नवनिर्मित प्री-मैट्रिक आदिवासी छात्रावास को क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर श्रमिकों को वहां रखा गया है। पानी की व्यवस्था हेतु बोरवेल है और एक टैंकर की व्यवस्था भी की गई है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि 214 लोगों के लिए केवल 4 शौचालय हैं। अर्जुनी के सरपंच प्रमोद जैन ने कहा कि इन मजदूरों के भोजन व्यवस्था पंचायत करेगी, ये हमारे अतिथि हैं।