Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

MP की सियासत का बड़ा सवाल, आखिर क्यों टल गया शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार!

राजभवन (raj bhawan) की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभी तक भोपाल (bhopal) आने का आधिकारिक कार्यक्रम तय नहीं हुआ है. यानि फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो रहा है.

मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में  शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में लगातार पेंच फंसता नजर आ रहा है.दिल्ली में 2 दिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सहित तमाम आला नेताओं के साथ मैराथन मंथन के बाद भी फिलहाल नतीजा कुछ नहीं निकला. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh) आज भोपाल लौट आए हैं. उनके साथ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत भी लौटे हैं. लेकिन गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) अभी भोपाल नहीं लौटे हैं.

सुबह करीब 10:30 बजे भोपाल स्टेट हैंगर पहुंचने के बाद सीएम शिवराज सीधे अपने निवास की ओर रवाना हो गए. उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की. इसके बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या आज कल में मंत्रिमंडल विस्तार हो भी पाएगा या नहीं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का भोपाल आने का अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई कार्यक्रम नहीं बना है. इससे एक दिन पहले उनका भोपाल आने का कार्यक्रम रद्द किया जा चुका है. उधर मुख्यमंत्री शिवराज भी भोपाल आने के बाद विभागीय समीक्षा बैठकें करेंगे. शाम 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधन करने वाले हैं.

नरोत्तम नहीं लौटे भोपाल
मंत्रिमंडव विस्तार को लेकर जारी भारी माथा पच्ची के बीच जब ऐसा लग रहा था कि 30 जून को नया मंत्रिमंडल आकार ले लेगा. उसी दौरान प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कल सोमवार को अचानक दिल्ली पहुंच गए थे.लेकिन आज वो तीनों नेताओं के साथ वापस नहीं आये हैं. नरोत्तम मिश्रा सोमवार को ग्वालियर में थे. उन्हें भोपाल लौटना था. यहां उनके कई कार्यक्रम तय थे. लेकिन अचानक उन्हें दिल्ली से बुलावा आ गया और वो ग्वालियर से सीधे दिल्ली भागे गए. भोपाल के उनके सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए. यह माना जा रहा है कि संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में पेंच फंसने की वजह से ग्वालियर चंबल के सभी प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाया गया था. हालांकि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे. सूत्रों की मानें तो उप चुनाव में ग्वालियर चंबल की सबसे ज्यादा   16 सीट होने की वजह से मंत्रिमंडल विस्तार में वहां का गणित साधने पर खासतौर से चर्चा की गई