कोरोना संक्रमण और महामारी के दौर में जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर सभी कार्यालय नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने में लगे हैं, तब प्रदेश में बिजली कंपनी नकद बिल भुगतान को बढ़ावा दे रही है। कंपनी ने चेक से बिल भुगतान लेने पर रोक लगा दी है। मजबूरी में औद्योगिक क्षेत्र, केंद्रीय कार्यालय और घरेलू उपभोक्ताओं को नकद भुगतान करना पड़ रहा है। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। मध्य प्रदेश में यह व्यवस्था तीनों मध्य, पूर्व एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों में जून से ही लागू कर दी गई है।
आयकर, कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज व जीएसटी सहित सभी केंद्रीय कार्यालयों और घरेलू व औद्योगिक उपभोक्ताओं ने जब बिजली का बिल चेक से भेजा तो चेक अमान्य कर दिए गए, उन्हें नकद भुगतान करने को कहा गया। बिजली कंपनी की ओर से कहा गया कि हमने चेक से भुगतान लेना बंद कर दिया है और ऑनलाइन भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। कंपनी का रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं केंद्रीय कार्यालयों के अधिकारियों का कहना है कि हम सभी तरह के भुगतान राष्ट्रपति के नाम से करते हैं, ऐसे में इन चेक को बिजली कंपनी स्वीकार करने से मना कैसे कर सकती हैं, वह भी कोरोना संक्रमण के दौर में?
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