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पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे की मदद करने के आरोप में बुधवार को दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है

 जानकारी के मुताबिक चौबेपुर पुलिस स्टेशन के निलंबित एसओ विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है.

बता दें कि विनय तिवारी से बुधवार सुबह से ही एसटीएफ की पूछताछ चल रही थी जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. हालांकि अब ताजा जानकारी सामने आ रही है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. विनय तिवारी पर घटना वाले दिन पुलिस के बारे मे मुखबिरी करने का शक था. जिस वजह से उनको गिरफ्तार किया गया है.

vinay_070820050949.jpgविनय तिवारी

बुधवार को विनय तिवारी के अलावा तत्कालीन बीट प्रभारी केके शर्मा से भी पूछताछ की गई है. पूछताछ के बाद उनको भी गिरफ्तार कर लिया गया है. केके शर्मा पर भी मुखबिरी का आरोप है. बता दें कि पुलिस की टीम विकास दुबे के सभी मददगारों के कॉल डिटेल खंगाल रही है. इस मामले में पूरे चौबेपुर थाने को लाइन हाजिर किया जा चुका है.

sharma_070820051109.jpgकेके शर्मा

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विनय तिवारी पर क्यों हुआ शक?

गौरतलब है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बदमाश विकास दुबे के बीच मिलीभगत की शिकायत तत्कालीन एसएसपी अनंत देव से की थी. शहीद सीओ के वायरल लेटर के सामने आने के बाद मुखबिरी के शक की सबसे पहले सुई एसओ विनय तिवारी पर गई थी.

जब पुलिस टीम बिकारू जा रही थी, तभी एसओ विनय तिवारी ने फोन करके लाईट कटवाया था. तमाम आरोप के बाद विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद चौबेपुर थाने के दो दारोगा और एक सिपाही को भी सस्पेंड किया गया था. सभी से पूछताछ की जा रही है.

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शहीद सीओ ने अपने खत में क्या लिखा

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने अपने कथित खत में लिखा था कि विकास दुबे पर करीब 150 संगीन मुकदमे दर्ज हैं. 13 मार्च को इसी विकास दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाना में एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जो आईपीसी की धारा 386 के तहत दर्ज हुआ था. मामला एक्सटार्शन का था. इसमें दस साल तक की सजा का प्रावधान है और ये एक गैर जमानती अपराध है.

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने लिखा कि गैर जमानती अपराध होने के बावजूद जब चौबीस घंटे तक विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई और उसे गिरफ्तार नहीं किया गया तो 14 मार्च को उन्होंने केस का अपडेट पूछा. इस पर उन्हें पता चला कि चौबेपुर के एसओ विनय कुमार तिवारी ने FIR से 386 की धारा हटा कर पुरानी रंजिश की मामूली धारा लगा दी.

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इस पत्र में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने साफ-साफ लिखा था कि थानाध्यक्ष विनय तिवारी का विकास दुबे के पास आना-जाना और बातचीत बनी हुई है. इतना ही नहीं सीओ साहब ने चार महीने पहले ही आगाह कर दिया था कि अगर थानाध्यक्ष अपने काम करने के तरीके नहीं बदलते तो गंभीर घटना घट सकती है.