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44 बीएड कॉलेजों में मेरिट के आधार पर सत्र 2020-21 में प्रवेश मिलेगा।

स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश में कहा है कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) बीएड और एमएड की प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करेगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) जल्द विस्तृत निर्देश जारी करेगा।

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध संभाग के सभी शिक्षा महाविद्यालयों में इस वर्ष प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। डीएड, बीएड और एमएड के लिए बारहवीं, स्नातक और स्नातकोत्तर में मिले अंक के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच परीक्षा कराना संभव नहीं है। संभाग के 44 कॉलेजों में 44 सौ सीट है।

डीपी विप्र शिक्षा महाविद्यालय के प्राध्यापक अलोक दुबे ने बताया कि व्यापमं के पास पहले ही काफी कम संख्या में आवेदन मिले थे, जिसके चलते प्रवेश परीक्षा स्थगित करनी पड़ी। सीएमडी कॉलेज शिक्षा संकाय के प्राध्यापक राजकुमार पंडा ने कहा कि डीएएल में बारहवीं कक्षा के प्राप्तांक के आधार पर प्रवेश होगा जिसमें न्यूनतम 50 फीसदी अंक अनिवार्य है। बीएड के लिए स्नातक व स्नात्कोत्तर किसी एक में 50 फीसदी तथा एमएड के लिए बीएड में 55 फीसदी अंक जरूरी होगा। इस बार बीएड के प्रवेश में देरी होगी। स्नातक के नंबरों के आधार पर भी सीटें आवंटित करने का निर्णय लिया जाता है तब भी प्रवेश होने में कुछ महीने लगेंगे। क्योंकि, बीएड के लिए ग्रेजुएशन अंतिम के छात्र भी बड़ी संख्या में आवेदन करते हैं। अटल विवि द्वारा अभी अंतिम वर्ष की परीक्षा बाकी है। जिसके लगभग 50 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा के बाद परिणाम आने में भी वक्त लगेगा। अटल विवि से संबद्ध शिक्षा महाविद्यालयों में इस बार सीट भरने की चुनौती रहेगी। एमएड में पहले ही तालाबंदी की स्थिति है। ए ग्रेड कॉलेजों में पढ़ाई बंद हो चुकी है। बीएड में इस बार 20 फीसदी से भी कम आवेदन मिले थे। जिसके बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि सीट भरने कड़ी मशक्कत करनी होगी। कॉलेज संचालक सरकारी अनुदान के लिए भी मांग कर रहे थे। शिक्षा महाविद्यालयों में इस वर्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं होगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर इसकी पुष्टि कर दी है। संभाग के कॉलेज अब मेरिट के आधार पर प्रक्रिया पूरी करेंगे। एनसीटीई गाइडलाइन आने तक इंतजार करना होगा।