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नामांकन के एक सप्ताह पहले जेल से छुटे कमलेश ने लड़ा चुनाव, बन गए विधायक

कमलेश ने वर्ष 2018 में भी सैलाना सीट से चुनाव लड़ा था। तब 18 हजार वोट मिले थे, लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए। वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे। कई बार जेल भी गए। वर्ष 2022 में उन पर रतलाम के थाने में एक युवती ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया।

06 Dec 2023

इंदौर : तीसरे दल के नाम पर मध्य प्रदेश की सैलाना सीट पर भारत आदिवासी पार्टी की एंट्री हुई है। इस पार्टी के उम्मीदवार कमलेश डोडियार भाजपा कांग्रेस के उम्मीदवारों को हरा कर चुनाव जीते। उनके चुनाव लड़ने से लेकर जीतने की कहानी भी दिलचस्प है। न उनके पास नौकरी थी और न पैसा। चुनाव लड़ने की जिद मेें वे सरकारी नौकरी पहले ही छोड़ चुके थे। चुनाव प्रचार के लिए उन्होंने कर्ज लेकर 12 हजार रुपये खर्च किए। उसे चुकाने के लिए नोतरा (आदिवासी समाज मेें आर्थिक मदद की प्रथा) का सहारा लिया। वे प्रचार में अपने साथ क्यूआर कोड लेकर चलते थे, ताकि लोग चुनाव में उनकी मदद कर सके।

कमलेश ने वर्ष 2018 में भी सैलाना सीट से चुनाव लड़ा था। तब 18 हजार वोट मिले थे, लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए। वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे। कई बार जेल भी गए। वर्ष 2022 में उन पर रतलाम के थाने में एक युवती ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया।

उस लड़की से उनकी सगाई तय हुई थी। राजनीतिक कारणों से युवती के परिजन विवाह नहीं करना चाहते थे। इसके बाद विवाद हो गया और युवती ने केस दर्ज करा दिया। चुनाव से पहले युवती के भाई ने भी थाने में धमकी का केस दर्ज कराया था। इस कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा। नामांकन प्रक्रिया के सात दिन पहले ही कमलेश जेल से जमानत पर छुटे थे।

रासुका सहित 15 केस है डोडियार पर

33 साल के कमलेश का चयन 2016 में भोपाल नगर निगम में राजस्व निरीक्षक के लिए हुआ था,लेकिन चुनाव लड़ने के खातिर उन्होंने नौकरी ही नहीं की। इसके बाद वे क्षेत्र में सक्रिय रहे। आदिवासी आंदोलनों में भाग लेने लगे। उन पर रतलाम, झाबुआ में आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुए। रासुका और जिलाबदर भी हुए। इस बार चुनाव में उन्होंने आदिवासी समाज के बीच अपनी पार्टी का माहौल बनाया और वोटरों ने उनका साथ दिया।