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एक भी ट्रैफिक जवान नहीं तो कैसे सुधरेगी व्यवस्था

नगर में मुख्य मार्गों पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। चार दिन पहले हुए दुर्घटना में एक युवक की मौत के बाद भी प्रशासन अभी तक सजग नहीं हुआ है। केवल एक या दो दिन अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई। फिर स्थितियां इस प्रकार बनती जा रही है। मुख्य मार्गो पर ही वाहनों को खड़ा रखा जा रहा है। जो सब्जी की दुकाने हटाई गई थीं, वह पुनः अपने स्थान पर पहुंचने लगी है। वहीं ठेलागाड़ी वालों ने भी मुख्य मार्ग पर कब्जा करना प्रारंभ कर दिया है। मुख्य मार्ग पर ही बड़े वाहन खड़े रहने लगे है। यह स्थितियां एक बार पुनः किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देने वाली है।
जनता का आक्रोश भी मात्र एक दिन के लिए घटना के समय जागृत हुआ उसके बाद वहीं स्थितियां बनने लगी है जो कि एक आर दुर्घटना की ओर इशारा करती है। इसे लेकर नागरिकों में भी जागृति और अपने नगर को सुंदर बनाने के लिए कोई जस्बा होना चाहिए, किंतु इस मामले में जनसहयोग नहीं किया जा रहा है। केवल हंगामा खड़ा करने के समय सब लोग सड़कों पर आ गए थेँ किंतु व्यवस्था के सुधार की दिशा में किसी भी जनप्रतिनिधि या सामाजिक कार्यकर्ता या जनता की इच्छाशक्ति दिखाई नहीं दे रही है। इसका परिणाम आने वाले समय में एक बार पुनः दुर्घटना के रूप में भुगतना पड़ सकता है।