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रामलीला मैदान में अन्‍ना ने सरकार को ललकारा, कहा- जब तक शरीर में प्राण है आवाज उठाएंगे

नई दिल्ली (जेएनएन)। छह साल बाद एक बार फ‍िर दिल्‍ली का रामलीला मैदान समाजसेवी अन्ना हजारे का कुरुक्षेत्र बनने जा रहा है। अपनी तमाम मांगों को लेकर उन्‍होंने केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार को खबरदार किया है। इस महाआंदोलन की शुरुआत करने से पहले शुक्रवार सुबह वह राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर गए और वहां पर उन्होंने बापू को नमन किया। इसके बाद अन्‍ना सीधे रामलीला मैदान पहुंचे और अपने हजारों समर्थकों की मौजदूगी में मंच पर सबसे पहले तिरंगा लहराया। जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एवं कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े आंदोलन में शामिल होने रामलीला मैदान पहुंचे हैं।
अन्‍ना से हड़ताल से पहले कहा कि मैंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया और अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ रहा है।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि अंग्रेज चले गए, लेकिन लोकतंत्र नहीं आया। साथ ही कहा कि सिर्फ गोरे गए और काले आ गए। अपनी मांगों के संदर्भ में अन्ना हजारे ने कहा कि सिर्फ जुबानी आश्वासन पर अनशन नहीं रुकेगा, बल्कि पुख्ता निर्णय लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चर्चा करने के लिए अनुमति देंगे। केंद्र को घेरते हुए कहा कि आंदोलनकारियों को यहां आने से सरकार रोक रही है। क्या यही लोकतंत्र है।
अन्ना हजारे ने लंबी लड़ाई का संकेत देते हुए कहा कि जब तक शरीर में प्राण है बात करेंगे। उन्होंने कहा कि 80 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से मृत्यु होने की बजाए समाज की भलाई के लिए मृत्यु हो।
उधर, सभा में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। रामलीला मैदान के चारों तरफ व अंदर भी चप्पे-चप्पे पर पैरा मिलिट्री व दिल्ली पुलिस तैनात है। किसी भी तरह की संभावनाओं से निबटने के लिए दिल्ली पुलिस ने पूरी तैयारी की है।
रामलीला मैदान के अंदर, मंच के चारों तरफ व मैदान में प्रवेश व निकासी वाले सभी द्वारों पर पर्याप्त पुलिसकर्मी मौजूद हैं। पुलिस का कहना है कि मेटल डिटेक्टर से गुजरने के बाद मैन्युअल जांच करने के बाद ही किसी को अंदर जाने दिया जाएगा।
बता दें कि भ्रष्‍टाचार किसानों समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार से दिल्ली के चर्चित रामलीला मैदान में एक बार फिर अनशन पर बैठने जा रहे हैं। इस बार भी उनके साथ 2011 जैसी ही कार्यकर्ताओं की एक टीम होगी। अन्ना ने सरकार के सामने किसानों के मुद्दे पर अलग-अलग मांगे रखी हैं।
ट्रेनें रद करने पर केंद्र सरकार को घेरा
इससे पहले अन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को ला रही ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आप प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाना चाहते हैं। वहीं, मेरी सुरक्षा में पुलिस तैनात है, जबकि मैं पहले ही लिखित में दे चुका हूं कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए।