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वर्ष 2021 में दुनिया में सबसे तेजी से उभरता आर्थिक महाशक्ति होगा भारत , दुनिया की सभी एजेंसियां हुई एकमत

विश्व बैंक से लेकर आईएमएफ और भारतीय विा मंत्रालय एक मुद्दे पर बिल्कुल सटीक सुर में बोल रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था अगले विा वर्ष में विश्व की सबसे तेज गति से दौडऩे वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगी। इसी बीच अब अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विश्लेषण संस्था NOMURA ने भी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2021 में सबसे तेज यानी करीब 9.9त्न की जीडीपी दर से दौड़ेगी जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक और सुखद संकेत है। जबकि चीन की 9 और सिंगापुर जैसे देश की जीडीपी की र तार करीब 7.5 प्रतिशत तक रह सकती है।

आउटलुक में नोमुरा की मैनेजिंग डायरेटर सोनल वर्मा ने लिखा, “हम 2020 में –7 फीसदी की रतार वाली जीडीपी के सुधारों को लेकर अनुमान लगा सकते हैं कि वि ाीय वर्ष 2021 की पहली तिमाही में जीडीपी की दर –1.2 रहेगी जो कि दूसरी तिमाही में धमाका करते हुए 32.4 फीसदी तक जाएगी। वहीं तीसरी तिमाही में ये रतार करीब 10 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.6 की गति से आगे बढ़ेगी। इसके चलते औसतन अनुमान के मुताबिक 2021 में भारतीय जीडीपी करीब 9.9 फीसदी की रतार से बढ़ेगी।” जो कि शानदार होगा।
नोमुरा से पहले, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था 8.8 प्रतिशत की जीडीपी की दर से बढ़ेगी और इस प्रकार यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन जाएगी। दूसरी ओर, चीन के 8.2 प्रतिशत बढऩे की उ मीद है। भारतीय वि ा मंत्रालय ने भी ये ही कहा है कि भले ही भारत चालू वर्ष में नकारात्मक दर से बढ़ रहा है, लेकिन यह अगले वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी योंकि कई क्षेत्र बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे

केंद्रीय वि ा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 27 अटूबर को ही कहा था, “भले ही इस समय जीडीपी नकारात्मक या निकट शून्य में दिख रही है, लेकिन अगले वर्ष बहुत स्पष्ट रूप से भारत सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। इसके संकेत भी मिलने लगे है योंकि प्राथमिक क्षेत्र, कृषि के संबंधित क्षेत्र, और ग्रामीण भारत के कारण जीडीपी में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।”वैश्विक महामारी के बीच भारत ने अपनी आर्थिक नीतियों को बदला है और वो अब आत्मनिर्भर भारत की नीति पर काम कर रहा हैं। इसके तहत, मोदी सरकार निजीकरण और उदारीकरण पर जोर दे रही है। इसके अलावा, विदेशी कंपनियों के साथ उसी तरह से व्यवहार किया जाएगा जैसे सरकार भारतीय कंपनियों के साथ व्यवहार करती है। साथ ही चीन जैसे देशों को भारी व्यापार घाटे को चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इन सबसे इतर पहली बार केंद्र की मोदी सरकार ने प्रोडशन लिंड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। यह सरकार की ओर से महत्वपूर्ण परिवर्तन है, जो अब तक केवल कृषि को ससिडी और प्रोत्साहित करने के लिए उपयोग किया जाता था। मोदी सरकार की नीतियों और पिछले कुछ वर्षों में किए गए सुधारों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से अगले कुछ वर्षों में विश्व की सबसे तेज गति से चलने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी जिसके अनुमान वैश्विक आर्थिक संगठन भी लगा रहे हैं।