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एक पत्र से बड़ा खुलासा, किसान आंदोलन के पीछे पाकिस्तान का ही नहीं चीन का भी हाथ है

दिल्ली में पिछले दो हतों से हो रहा किसान प्रदर्शन- पर यहां किसानों की चिंताओं को छोड़कर बाकी सब मुद्दों को बड़ी ज़ोर शोर से उछाला जा रहा है। कहीं खालिस्तान की मांग, तो कहीं सिख बनाम हिन्दू की लड़ाई, Headlines में अब बस यही मुद्दे देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, अब इस कहानी में Chinese angle जुड़ता दिखाई दे रहा है। दरअसल, खालिस्तान की मांग करने वाले आतंकवादी संगठन Sikhs For Justice यानि SFJ का एक ऐसा letter अभी सामने आया है, जो गलवान घाटी में हुए भारत-चीन विवाद के ठीक बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नाम लिखा गया था। चीनी मीडिया पहले ही भारत में अलगाववाद को भड़काने की धमकी दे चुकी है। ऐसे में इस बात का शक बढ़ जाता है कि कहीं दिल्ली में हो रहे इस नकली किसान प्रदर्शन के पीछे चीन का हाथ तो नहीं?

आइए सबसे पहले 17 जून को लिखे गए इस Letter पर नजऱ ड़ाल लेते हैं। SFJ में स्स्नछ्व मोदी सरकार की आक्रामकता की निंदा करते हुए जिनपिंग सरकार को अपना समर्थन ज़ाहिर करता है। इस letter में आगे लिखा है “हम चीनी लोगों के सदैव आभारी रहेंगे जिन्होंने भारत से खालिस्तान को अलग करने की हमारी मांग को भरपूर समर्थन दिया है।” इतना ही नहीं, पत्र में यह भी लिखा है कि अगस्त में यह आतंकवादी संगठन बीजिंग में जाकर खालिस्तान के लिए कूटनीतिक समर्थक जुटाने का प्रयास भी करेगा।

इस पत्र के सामने आने के बाद यह तो स्पष्ट हो गया है कि खालिस्तानी आतंकियों और बीजिंग के बीच संवाद होता रहा है। यहां बड़ा सवाल यह है कि या बीजिंग में बैठे चीनी सरकार के लोग इन खालिस्तानियों को कोई तवज्जो दे रहे हैं या नहीं! पिछले कुछ महीनों में चीनी मीडिया के तेवर देखकर तो यही कहा जा सकता है कि चीन इन खालिस्तानियों का समर्थन करने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहता। 18 अटूबर को Global Times में छपे इस लेख पर एक बार नजऱ को डालिए! इस लेख में चीनी मीडिया खुलकर भारत में अलगाववाद और हिंसा को भड़काने की धमकी दे रही है।

इस पत्र में एक जगह लिखा है “भारत के North East में भारतीय सेना के crackdown के बाद यहां अलगाववादी संगठन काफी कमजोर पड़ गए हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि इन संगठनों को देश के बाहर से अभी कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। कैसा रहेगा अगर इन्हें बाहरी ताक़तें अपना समर्थन देना शुरू कर दें।” यहां चीन सीधी धमकी भारत को दे रहा है कि अगर भारत ताइवान कार्ड खेलना बंद नहीं करता है, तो चीन भारत में अलगाववाद को भड़का सकता है।

एक बात समझने वाली यह भी है कि जब भारत- चीन के बीच में विवाद बढ़ रहा है, तो आखिर चीन खालिस्तानियों का समर्थन करने के इतने बढिय़ा अवसर को कैसे छोड़ सकता है? पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने भी अपने एक भाषण में कहा था कि इस किसान प्रदर्शन के पीछे पाकिस्तान के साथ-साथ चीन का हाथ भी हो सकता है। उनके इस बयान से Nationalist Congress Party इतनी

आहत हो गयी, कि उन्होंने दानवे के इस्तीफे तक की मांग कर डाली। लेकिन अब जब SFJ आतंकी संगठन और बीजिंग के बीच में सीधा Connection देखने को मिल रहा है, तो सरकार और देशवासियों को इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।