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विधानसभा चुनाव से पहले सवर्णों को मनाने में जुटे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

केन्द्र सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति संशोधन अधिनियम पर जो फैसला लिया वो अब बीजेपी की गले की फांस बनता जा रहा है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज ने सवर्णों को मनाने की पहल कोशिश शुरू कर दी है, उन्होंने कहा कि उत्पीड़न निरोधक कानून में गिरफ्तारी तब तक नहीं होगी, जब तक कि पुलिस मामले की जांच न कर ले. उधर उनके इस बयान के बाद अनुसूचित जाति जनजाति संघ ने सड़क पर उतरने की धमकी दी है, वहीं सवर्ण भी इसे सिर्फ चुनावी ऐलान मान रहे हैं. मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा में एक सभा के दौरान कहा एससी-एसटी में मध्यप्रदेश में बिना जांच के गिरफ़्तारी नहीं की जाएगी. एक्ट का दुरुपयोग नहीं होगा.
शिवराज के बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संसद के बनाये कानून को आंखें दिखा रहे हैं. वैसे उनके नये ऐलान से ना अनुसूचित जाति-जनजाति संगठन खुश है, ना सवर्ण क्योंकि सारी बातें फिलहाल जुबानी हैं, लिखित नहीं. मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ अजाक्स के महासचिव एस एल सूर्यवंशी ने कहा हम संसद से बनाये कानून से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे ऐसा हुआ तो ये छलावा होगा हम निश्चित तौर पर सड़क पर उतरेंगे अगर मुख्यमंत्री ने यू टर्न लिया है तो एससी-एसटी शांत नहीं बैठेगा अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए हर हाल में संविधान की रक्षा करेगा.
वहीं सपाक्स के संस्थापक अध्यक्ष ललित शास्त्री ने कहा सरकार झुनझुना पकड़ाने की कोशिश है. क्या वो पूछ रहे हैं कि संसद के बनाए कानून की क्या अहमियत होती है किसको गुमराह कर रहे हैं … अब सरकार के दिन ही कितने बचे हैं. वैसे काले झंडों, नारों से दो चार कांग्रेस-बीजेपी दोनों पार्टियों को आला नेताओं को होना पड़ा, बावजूद इसके दोनों इस मुद्दे पर खुलकर विरोध नहीं जता सके क्योंकि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति की आबादी 15.2 फीसदी, और अनुसूचित जनजाति की आबादी 20.8 फीसद है. सूबे में अनुसूचित जाति की 35 सीटें हैं, जिसमें फिलहाल 28 पर बीजेपी काबिज है. 47 अनुसूचित जनजाति बहुत सीटों में 32 पर बीजेपी का कब्जा है.राज्य की 230 विधानसभा सीटों में सवर्ण-ओबीसी के सीधे प्रभाव वाली 148 सीटें है. 2013 में बीजेपी ने 148 में 102 सीटें जीती थीं, यानी बहुमत से सिर्फ 14 कम. कांग्रेस कह रही है ये सरेंडर है, कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा पहले सुप्रीम कोर्ट का अनादर किया अब संसद का कर रहे हैं, संवैधानिक पद पर बैठा आदमी ऐसी चेष्टा कर तो ये सरेंडर है, दिल्ली में आपकी सरकार हैं वहीं परिवर्तित कर दीजिए. वैसे जिस शहर छिंदवाड़ा से मुख्यमंत्री ये ऐलान कर आसमान में उड़ने वाले थे, उसी शहर के आसमान पर सवर्ण नाराजगी के काले गुब्बारे उड़ाए जा रहे थे.