छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के दीनदयाल उपाध्याय के नाम से शुरू की गई योजनाओं का नाम बदले जाने पर विपक्ष नाराज हो गया है. शून्यकाल में बीजेपी विधायक नारायण चंदेल ने उठाते हुए स्थगन पर चर्चा की मांग की.वहीं इस मामले में अजय चंद्राकर ने कहा कि महात्मा गांधी की तस्वीर को यहां लगाया गया है. महापुरुष किसी भी विचारधारा से आये उनके आदर्शों को माना जाता है. नाम बदला जाना घोर अलोकतांत्रिक है. इस प्रक्रिया को बदला जाना चाहिए. किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ये अच्छी बात नहीं है.विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि 2004 में इसकी शुरुआत तो आपने की है, और प्रजातंत्र की दुहाई दे रहे है. इंदिरा-राजीव के नाम पर आप लोगों ने योजना बदली थी. राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम आप लोगों ने बदल दिया.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये सरकार की दूषित मानसिक सोच को दर्शा रहा है कि योजनाओं का नाम रातोंरात बदल दिया जाए. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर संचालित योजनाओं का नाम बदला जाना महापुरुषों का अपमान है. यदि सदन में इस पर आसंदी का संरक्षण नहीं मिलेगा तो हम कहा जाएंगे. कांग्रेसी विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि यूपीए ने 920 करोड़ रुपये राजीव गांधी विद्युतीकरण के नाम पर दिया था, लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान दीनदयाल विद्युतीकरण योजना बना दिया गया.
वहीं शिवरतन शर्मा ने कहा कि नई सरकार नई योजना बनाकर महापुरुषों के नाम पर शुरू करे हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जिन योजनाओं को महापुरुषों के नाम पर शुरू किया गया था उसे बदलना ठीक नहीं है. अगर यह परम्परा शुरू हो गई तो देश मे क्या स्थिति बनेगी.
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