सपा ने चुनाव आयोग के ज्ञापन देकर मांग की थी कि पहले की तरह राजनीतिक दलों को मतदाता सूची में काटे गए और जोड़ेगए नामों की सूची उपलब्ध कराई जाए। आयोग ने सूची देने से इनकार कर दिया था। इस पर अखिलेश यादव ने 10 नवंबर को प्रेस कांफ्रेस कर चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर कार्य करने का आरोप लगाया।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से चुनाव आयोग के खिलाफ धरना देने की चेतावनी के बाद आयोग ने कटे एवं जुड़े नामों की सूची राजनीतिक दलों को भी उपलब्ध कराने का आदेश जारी कर दिया है। आयोग ने सपा सहित अन्य दलों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि जोड़े और काटे गए नामों की सूची सभी जिला निर्वाचन अधिकारी उपलब्ध कराएंगे।
आयोग के फैसले से सपा खेमे में खुशी है। वे इसे अपनी जीत के रूप में देख रहे हैं। सपा ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर मांग की थी कि पहले की तरह राजनीतिक दलों को मतदाता सूची में काटे और जोड़े नामों की सूची उपलब्ध कराई जाए। लेकिन आयोग ने इससे इनकार कर दिया था। इस पर सपा अध्यक्ष ने 10 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग के खिलाफ पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी।
सपा का कहना है कि विभिन्न बूथों पर सर्वे में पता चला कि पार्टी के परंपरागत वोटबैंक के मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है। कई जिलों से यह सूचना पार्टी मुख्यालय पहुंची तो यहां हलचल मची। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा फिर भी सूची नहीं उपलब्ध कराई गई। इसके बाद अखिलेश ने खुद मोर्चा संभाला था।
केंद्रीय चुनाव आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त डॉ. चंद्र भूषण कुमार ने यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में लिंग अनुपात सुधारने पर विशेष फोकस करने को कहा है। इसके लिए उन्होंने महिलाओं को जागरूक करने और जिनके नाम सूची में नहीं हैं, उनके नाम जोड़ने के निर्देश दिए हैं। वे मंगलवार को राजधानी में जनपथ स्थित निर्वाचन कार्यालय में चुनाव तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चुनाव को स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए अभी से पूरी तैयारी करें। मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि लिंग अनुपात सुधारने के लिए महिलाओं की संख्या बढ़ाने और 18 से 19 वर्ष के मतदाताओं की संख्या को बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। इसके लिए उन्होंने प्रभावी रणनीति बनाकर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं को मतदान के लिए बूथों पर जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए। साथ ही मतदान केंद्रों पर वेबकॉस्टिंग की व्यवस्था को 50 फीसदी से ज्यादा करने को कहा। निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी डाटाबेस भी जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। कहा, प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी के प्रचार प्रसार निगरानी संबंधी व्यवस्था की निगरानी भी करें।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से चुनाव आयोग के खिलाफ धरना देने की चेतावनी के बाद आयोग ने कटे एवं जुड़े नामों की सूची राजनीतिक दलों को भी उपलब्ध कराने का आदेश जारी कर दिया है। आयोग ने सपा सहित अन्य दलों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि जोड़े और काटे गए नामों की सूची सभी जिला निर्वाचन अधिकारी उपलब्ध कराएंगे।
आयोग के फैसले से सपा खेमे में खुशी है। वे इसे अपनी जीत के रूप में देख रहे हैं। सपा ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर मांग की थी कि पहले की तरह राजनीतिक दलों को मतदाता सूची में काटे और जोड़े नामों की सूची उपलब्ध कराई जाए। लेकिन आयोग ने इससे इनकार कर दिया था। इस पर सपा अध्यक्ष ने 10 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग के खिलाफ पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी।
सपा का कहना है कि विभिन्न बूथों पर सर्वे में पता चला कि पार्टी के परंपरागत वोटबैंक के मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है। कई जिलों से यह सूचना पार्टी मुख्यालय पहुंची तो यहां हलचल मची। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा फिर भी सूची नहीं उपलब्ध कराई गई। इसके बाद अखिलेश ने खुद मोर्चा संभाला था।
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