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आगरा: इलाज के लिए बेटी की गुहार, तीन वर्ष पहले हुआ हादसा, नहीं मिला मुआवजा, करंट से कटा आधा हाथ व आधा सिर

स्कूल की छत से गुजर रही हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से संजना का आधा हाथ कट गया। सिर की आधी हड्डी भी कट गई। गनीमत रही कि जान बच गई। मजदूर पिता ने मकान पर कर्ज लेकर बेटी का इलाज कराया। मुआवजा नहीं मिला। सोमवार को सिर के ऑपरेशन व इलाज के लिए पीड़िता आर्थिक सहायता मांगने कलक्ट्रेट पहुंची।
स्कूल में हुआ हादसा
खंदौली, पैतखेड़ा निवासी संजना पुत्री हरिओम अपनी ननिहाल खलौआ, मलपुरा में रहकर 11वीं की पढ़ाई कर रही थी। विगत 22 सितंबर 2018 को नौमील स्थित विद्यालय में लंच के समय छत पर चली गई। पास से हाइटेंशन लाइन गुजर रही थी। पैर फिसलने से संजना दीवार पर गिर पड़ी, जिसमें करंट दौड़ रहा था। हादसे में उसका सीधा हाथ और सिर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। पीड़िता के भाई सूरज ने बताया कि पिता कोल्ड स्टोर पर मजदूरी करते थे, सिर्फ मकान था। उसे पांच लाख रुपये में गिरवी रखकर जयपुर में इलाज कराया। बहन का आधा हाथ कट गया और सिर की हड्डी काटनी पड़ी। अब सिर का दोबारा ऑपरेशन कराना है। आर्थिक  स्थिति ठीक नहीं है। थाना मलपुर में घटना के संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई और न मुआवजा मिला। एडीएम सिटी को पीड़िता ने अपनी व्यथा सुनाई।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
एडीएम सिटी अंजनी कुमार का कहना है कि तीन साल पुरानी घटना की अद्धतन स्थिति पता की जाएगी। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उपचार के लिए आर्थिक सहायता के लिए पत्र प्रेषित किया जाएगा। दूसरी तरफ विद्युत विभाग से मामले की जांच रिपोर्ट मांगी गई है। पीड़िता संजना ने बताया कि विद्यालय प्रबंधक ने विद्युत हादसे की रिपोर्ट बदलवा दी। जांच में हादसा नहीं होने की रिपोर्ट लगने के कारण उसे तीन साल बाद भी विद्युत दुर्घटना में अंगभंग होने पर सरकारी मुआवजा नहीं मिला है।
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स्कूल में हुआ हादसा

खंदौली, पैतखेड़ा निवासी संजना पुत्री हरिओम अपनी ननिहाल खलौआ, मलपुरा में रहकर 11वीं की पढ़ाई कर रही थी। विगत 22 सितंबर 2018 को नौमील स्थित विद्यालय में लंच के समय छत पर चली गई। पास से हाइटेंशन लाइन गुजर रही थी। पैर फिसलने से संजना दीवार पर गिर पड़ी, जिसमें करंट दौड़ रहा था। हादसे में उसका सीधा हाथ और सिर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। पीड़िता के भाई सूरज ने बताया कि पिता कोल्ड स्टोर पर मजदूरी करते थे, सिर्फ मकान था। उसे पांच लाख रुपये में गिरवी रखकर जयपुर में इलाज कराया। बहन का आधा हाथ कट गया और सिर की हड्डी काटनी पड़ी। अब सिर का दोबारा ऑपरेशन कराना है। आर्थिक  स्थिति ठीक नहीं है। थाना मलपुर में घटना के संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई और न मुआवजा मिला। एडीएम सिटी को पीड़िता ने अपनी व्यथा सुनाई।

प्रशासन ने दिया आश्वासन

एडीएम सिटी अंजनी कुमार का कहना है कि तीन साल पुरानी घटना की अद्धतन स्थिति पता की जाएगी। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उपचार के लिए आर्थिक सहायता के लिए पत्र प्रेषित किया जाएगा। दूसरी तरफ विद्युत विभाग से मामले की जांच रिपोर्ट मांगी गई है। पीड़िता संजना ने बताया कि विद्यालय प्रबंधक ने विद्युत हादसे की रिपोर्ट बदलवा दी। जांच में हादसा नहीं होने की रिपोर्ट लगने के कारण उसे तीन साल बाद भी विद्युत दुर्घटना में अंगभंग होने पर सरकारी मुआवजा नहीं मिला है।