दिल्ली के बाद इंदौर में प्लाज्मा बैंक की शुरुआत हो गई है। अरबिंदो मेडिकल कॉलेज में प्रारंभ हुए इस प्लाज्मा बैंक ऑनलाइन शुभारंभ मप्र के स्वाथ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा किया गया। पहले ही दिन यहां 100 प्लाज्मा को संग्रहित किया गया।
लगभग एक माह पूर्व ही इंदौर में प्लाज्मा थैरेपी से कोरोनावायरस के मरीजों का उपचार प्रारंभ किया गया था। अब तक इस थैरेपी के माध्यम से 25 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। इंदौर की इस सफलता को देखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज को प्लाज्मा बैंक की अनुमति दी थी। मध्य भारत की इस पहली प्लाज्मा बैंक में कोरोनावायरस से ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा को संग्रहित किया जाएगा ताकि आवश्यक्ता पड़ने पर उनका तुरंत उपयोग किया जा सके।
अस्पताल के चेयरमेन डॉक्टर विनोद भंडारी के अनुसार प्लाज्मा बैंक की शुरुआत 100 लोगों के प्लाज्मा को संग्रहित करने के साथ हुई है। जुलाई के पहले सप्ताह तक यहां 500 लोगों का प्लाज्मा संग्रहित करने का लक्ष्य तय किया गया है। कोरोना वायरस से ठीक हुए व्यक्तियों के भीतर एक एंटीबॉडी विकसित हो जाती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम है। खून से इन्हीं एंटीबॉडीज को निकालकर मरीजों का इलाज किया जाता है। इसे ही प्लाज्मा थैरेपी कहते है। अरबिंदो अस्पताल में एंटीबॉडी टेस्ट पहले ही प्रारंभ हो चुका है।
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