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ब्लैक फंगस से बचना है तो कूड़े और नमी वाली जगह जाने से बचें

डायबिटीज या दूसरी बीमारी वाले लोगों को सतर्क रहने की ज्यादा जरूरतइम्युनिटी कमजोर होने पर फंगस लोगों को चपेट में ले लेता हैमिट्टी, पेड़ पौधे, कम्पोस्ट खाद और सड़ते हुए कूड़े में फंगस बड़ी संख्या में होते हैंगाजियाबादब्लैक फंगस से बचना है तो कूड़े और नमी वाली जगहों से बचना होगा। कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए मरीजों को डॉक्टरों ने यह सलाह दी है। डॉक्टरों का कहना है कि स्टेरॉइड और ऑक्सिजन लेने वाले मरीजों में इसका खतरा ज्यादा रहता है। डायबिटीज या दूसरी बीमारियां जिन्हें हैं, उन्हें भी सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत है। संक्रमण मुक्त होने के 20-25 दिनों तक नमी और कूड़े वाली जगह जाने से ऐसे लोगों को बचना चाहिए।डॉक्टरों का कहना है कि थोड़ी-थोड़ी सावधानी बरतकर ब्लैक फंगस को आसानी से मात दी जा सकती है। कोरोना मरीजों को अपना शुगर लेवल पर लगातार निगरानी रखनी चाहिए। उसे किसी भी हाल में बढ़ने नहीं देना चाहिए। शुगर लेवल बढ़ जाने और फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने की वजह से शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है।इम्युनिटी कमजोर होने पर करता है अटैकशरीर का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हुआ, वहीं हवा में रहने वाला फंगस ऐसे लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है। मालूम हो कि अभी तक गाजियाबाद में ब्लैक फंगस के कुल 65 मरीज आ चुके हैं। ब्लैक फंगस के दो मरीजों की मौत हो चुकी है। एक यलो फंगस के मरीज की भी मौत हो चुकी है, बकि 31 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। बाकी का अभी भी प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है।सीलन वाले घरों में रहने से बचेंईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि नमी ब्लैक फंगस को फैलाने में मददगार होता है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए जिन कमरों में या घरों में पिछले दिनों बारिश की वजह से सीलन हो गई है या पाइप लीकेज की वजह से सीलन है तो वहां पर कोरोना संक्रमित मरीज को रहने से बचना चाहिए। ऐसा करने से ब्लैक फंगस की चपेट में आने से मरीज को बचाया जा सकता है।मिट्टी, कंपोस्ट, कूड़े के पास रहना खतरनाकईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अशोक रस्तोगी का कहना है कि मिट्टी, पेड़ पौधे, कम्पोस्ट खाद और सड़ते हुए कूड़े में फंगस बड़ी संख्या में होते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीज को कूड़े वाले स्थान से दूर करने का प्रयास करना चाहिए। यदि वह कूड़े वाली जगह के आसपास की हवा में यह फंगस ज्यादा होते हैं। इसकी चपेट में कोरोना संक्रमित मरीज आ सकता है।