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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर बोले- भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यस्थाओं में एक

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बुधवार को अर्थशास्त्र विभाग का पुरा छात्र सम्मेलन का आयोजित किया गया। इस मौके पर ‘भारत की आर्थिक वृद्धि एवं आगामी चुनौतियां’ विषय पर व्याख्यान हुआ। मुख्य अतिथि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के उप गवर्नर डॉ. माइकल देवब्रत पात्रा रहे।

डॉ. पात्रा ने कहा कि भारत की 75 वर्षों की यात्रा काफी विस्मयकारी रही है। पिछले दशक में भारत में 30 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से मुक्त किया गया। यह दुनिया में कहीं भी गरीबी भी गरीबी उन्मूलन की उच्चतम दर है।

कोविड के बाद वर्ष 2021 में विश्व व्यापार में अब तक की मजबूत रिकवरी अपने साथ निर्यात के बारे में आशावाद की एक नई भावना लेकर आयी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्पिल ओवर्स को रोकने और आर्थिक वृद्धि के जोखिमों को कम करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की बाह्य सुदृढ़ता को बल देना पांचवीं सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है। भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सम्मेलन में पुरा छात्रों ने पुरानी यादों को ताजा किया।

विशिष्ठ अतिथि के रूप में उड़ीसा वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं विभाग के पुरा छात्र प्रो. सुधाकर पांडा शामिल हुए। प्रो. पांडा को जेके मेहता श्रेष्ठता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रो. पांडा ने 1968 में अर्थशास्त्र विषय से एमए की डिग्री हासिल की। वह अपने बैच में टापर रहे। प्रो. पांडा ने बताया कि 11 किताबों का प्रकाशन हो चुका है। बिरला ग्लोबल विवि भूनेश्वर से 2020 में कुलपति पद से रिटायर हुए। उन्होंने कहा कि इविवि और विभाग की यादों के आगे सभी फीका हो जाता है।

हमे विश्वविद्यालय ने सबकुछ दिया है। इस दौरान विभाग से अभिषेक कुमार सिंह को मेरिट कम मीन्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। एमए प्रथम वर्ष छात्राओं में सर्वोच्च अंक हासिल करने वाली छात्रा श्रद्धा त्रिपाठी को प्रोफेसर अमरेंद्र सिंह मेमोरियल अवार्ड से नवाजा गया। शैक्षिक सत्र 2019-20 प्रवेश परीक्षा में टाप करने वाली छात्रा सोनम प्रिया को प्रोफेसर पीसी जैन मेमोरियल अवार्ड के अलावां दस हजार रुपये का नगद पुरस्कार प्रदान गया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष प्रो. प्रशांत कुमार घोष के अलावां अन्य मौजूद रहे।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बुधवार को अर्थशास्त्र विभाग का पुरा छात्र सम्मेलन का आयोजित किया गया। इस मौके पर ‘भारत की आर्थिक वृद्धि एवं आगामी चुनौतियां’ विषय पर व्याख्यान हुआ। मुख्य अतिथि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के उप गवर्नर डॉ. माइकल देवब्रत पात्रा रहे।

डॉ. पात्रा ने कहा कि भारत की 75 वर्षों की यात्रा काफी विस्मयकारी रही है। पिछले दशक में भारत में 30 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से मुक्त किया गया। यह दुनिया में कहीं भी गरीबी भी गरीबी उन्मूलन की उच्चतम दर है।

कोविड के बाद वर्ष 2021 में विश्व व्यापार में अब तक की मजबूत रिकवरी अपने साथ निर्यात के बारे में आशावाद की एक नई भावना लेकर आयी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्पिल ओवर्स को रोकने और आर्थिक वृद्धि के जोखिमों को कम करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की बाह्य सुदृढ़ता को बल देना पांचवीं सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है। भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सम्मेलन में पुरा छात्रों ने पुरानी यादों को ताजा किया।