माफिया को लगना चाहिए कि ये सिंघम कमलनाथ की सरकार है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने वाले एक शख्स पर कार्रवाई करने की हिदायत देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी से ये बात कही।
सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक व्यक्ति का नाम लेते हुए कहा कि वह न तो हमारा दामाद, न ही ससुर है, फिर छोड़ा क्यों जा रहा है? सिंह के सामने तमाम कांग्रेसी भाजपा से जुड़े लोगों द्वारा जमीनों पर किए अवैध कब्जे की शिकायत लेकर पहुंचे। सिंह ने मौके पर ही फोन लगाया और संभागायुक्त से कह दिया कि हर माफिया पर कार्रवाई होना चाहिए। चाहे वह भाजपा से जुड़ा हो या कांग्रेस से। क्षेत्र चार से विधानसभा चुनाव लड़ चुके सुरजीत चड्ढा ने भी सिंह के सामने भाजपा नेता के परिजन द्वारा मंदिर की आड़ में लंबी-चौड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा करने की शिकायत रखी। इस मुद्दे पर एकांत में सिंह व कांग्रेस के नेता काफी देर चर्चा करते रहे।
सिंह लगातार तीसरे दिन रविवार को इंदौर में थे। रेसीडेंसी कोठी में ठहरे सिंह ने रविवार को कार्यकर्ता और लोगों से मिलने के लिए वक्त तय किया था। सुबह से सिंह के पास मिलने वालों की भीड़ लग गई। कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता समस्याएं बताईं और अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं करने की शिकायतें भी की। दलित महिला ललित सिरसिया की शिकायत के बाद सिंह ने संभागायुक्त त्रिपाठी को फोन लगाया था। वह पार्षद छोटे यादव के साथ रेसीडेंसी कोठी पहुंची थी। महिला ने सिंह को दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि भाजपा से जुड़े अशोक पटेल बाली की शिकायत पर निगम ने हमारा मकान तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग की सरकारी जमीन पर वह खुद मकान बनाकर रह रहा है। कार्रवाई तो दूर, निगम ने हमें आरटीआई में जानकारी दी है कि उस जमीन पर कोई मकान ही नहीं है। भाजपा से जुड़े इस व्यक्ति के घर बीते दिनों लोकायुक्त का छापा भी पड़ चुका है।
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