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शिक्षा व्यक्ति, समाज और राष्ट्र तीनों की आवश्यकता के अनुरूप हो

प्रदेश के उच्च शिक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा का अर्थ एवं उद्देश्य दोनों विस्तृत एवं व्यापक होता है, शिक्षा को मात्र ज्ञान प्राप्ति के संकुचित अर्थ में कभी नहीं लिया जाना चाहिए। शिक्षा में समायोजन, संघर्ष, चरित्रनिर्माण, व्यवहारिकता, उद्देश्यपरकता, राष्ट्रीय एवं सामाजिक आवश्यकता के अनेक गुण विद्यमान होने चाहिए। उन्होंनेे कहा कि शिक्षा व्यक्ति, समाज और राष्ट्र तीनों की आवश्यकता को ध्यान मंे रखकर दी जानी चाहिए। श्री उपाध्याय ने यह भी कहा केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लाई गयी नई शिक्षा नीति 2020 हमारे इसी उद्देश्य को साकार करेगी। इस नीति में छात्र, समाज, राष्ट्र एवं वैश्विकृत होती व्यवस्था सभी का ध्यान रखा है। नई शिक्षा नीति से जहॉ छात्र एक तरफ कुशल कार्यदक्ष एवं आत्मनिर्भर बनेगे वहीं दूसरी तरफ संस्कारवान तथा चरित्रवान भी बनेगे।
श्री उपाध्याय गुरूवार को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झॉसी के गाँधी सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में ’’विद्यार्थियों का समग्र विकास-वर्तमान शिक्षा परिवेश एवं शिक्षाविदों की भूमिका’’ विषय पर बोल रहे थे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री ने मेधावी छात्रों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किये तथा उनसे राष्ट्र निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का आहवान किया।
श्री उपाध्याय ने कहा कि प्राचीन काल में हमारी गुरूकुल की शिक्षा प्रणाली इसी सिद्धान्त पर कार्य करती थी, जहाँ राजकुमारों और आम छात्रों दोनों के लिए समान व्यवस्था थी। दोनों की दिनचर्या, शिक्षा तथा दी जाने वाली सुविधाए भी समान होती थी। इससे उनमें संघर्ष, बन्धुत्व एवं सह-अस्तित्व का गुण विकसित होता था। उन्होंने यह भी कहा कि देश को एक ऐसी शिक्षा नीति की जरूरत थी जो भारतीय शिक्षा के गौरवशाली अतीत को और समृद्ध करते हुए आधुनिकता से जोड़े। नई शिक्षा नीति 2020 काफी हद तक इस उद्देश्य को पूरा करेगी। इस नीति से हमारी भावी पीढ़ी तकनीकी में कुशल, आधुनिक युग के अनुकूल, कुशल, नैतिक एवं संस्कारवान होगी। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य शिक्षा को अंतिम छोर पर बैठे छात्र तक ले जाना है। इसमें हमें समाज के सहयोग की जरूरत होगी क्योंकि सरकार का कार्य बिना समाज के सहयोग के धरातलीय रूप नहीं ले सकता। उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे सुविचार हमारी भावी पीढ़ी में परिलक्षित होंगे।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मुकेश पाण्डेय, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रान्त कार्यवाह श्री अनिल श्रीवास्तव सहित अन्य शिक्षकगण एवं छात्र उपस्थित थे।