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5 अगस्त को देश में मनाएगा दिवाली 3 Aug से शुरू हो जाएगा भूमि पूजन अनुष्ठान,

 अयोध्या में श्रीराम मंदिर शिलान्यास के दिन यानी 5 अगस्त (5 August) को विश्व हिंदू परिषद घर-घर दीप जलाने का कार्यक्रम आयोजित करेगी। इस दिन प्रत्येक हिंदू परिवार को गौरवमयी अवसर से जोड़ने के लिए वृहद अभियान चलाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर की नींव रखेंगे, वहीं गांव-गांव में दीपोत्सव मनाया जाएगा। इस बीच, अयोध्या में भूमि पूजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। लिस्ट बनाए जा रही है कि इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ कौन-कौन उपस्थित रहेंगे। खबर है कि कोरोना वायरस के कारण प्रशासन से 150 से 200 लोगों के शामिल होने की ही अनुमति मिलेगी। पीएम मोदी राम मंदिर के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को दोपहर 12ः15 बजे करेंगे, लेकिन रामजन्मभूमि पर भूमिपूजन का अनुष्ठान 3 अगस्त से ही शुरू हो जायेगा।

Ayodhya Ram Mandir Guest List

जिन हस्तियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा उनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिह और विनय कटियार जैसे भगवा सियासत के पर्याय राजनीतिज्ञों और मंदिर आंदोलन से जुड़े शीर्ष संत भी शामिल होंगे। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर भूमिपूजन के दौरान कार्यक्रम स्थल पर 150 लोगों के ही मौजूद होने की इजाजत दी जाएगी और बहुत दबाव पड़ा, तो यह संख्या 200 से अधिक किसी भी कीमत पर पहुंचने वाली नहीं है। उनके अलावा भूमि पूजन स्थल पर मौजूद रहने वालों में मेजबान के तौर पर श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी पदाधिकारी और सदस्य भी शामिल होंगे। राम मंदिर भूमिपूजन समारोह के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया जाएगा। पीएम मोदी पूरे देश से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं। जब पूरे देश की नजर इस कार्यक्रम पर होगी, तब पीएम मोदी इन गाइडलाइन्स का पूरा ख्याल रखेंगे। इसके लिए विपक्ष की वह बयानबाजी भी है, जिसमें कोरोना संकट के बीच राम मंदिर के भूमिपूजन तथा इसमें प्रधानमंत्री के शामिल होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

3 अगस्त: पहले दिन गणपति पूजन एवं पंचांग पूजन के साथ अनुष्ठान की शुरुआत होगी। साथ ही वाल्मीकि रामायण एवं कई अन्य शास्त्रीय ग्रंथों का पाठ शुरू होगा।4 अगस्त: दूसरे दिन पाठ की निरंतरता आगे बढ़ने के साथ रामार्चा पूजन और प्रवचन का क्रम संयोजित होगा। जबकि, भूमिपूजन के दिन शास्त्रानुकूल भूमिपूजन का पारंपरिक अनुष्ठान होगा। इसे 10 से 15 वैदिक आचार्य संपादित कराएंगे। इनमें चुनिदा स्थानीय वेदज्ञों के साथ दिल्ली एवं बनारस तक के विद्वान शामिल होंगे। अभी आचार्यों के नाम पर विचार चल रहा है, पर समझा जाता है कि इनमें दिल्ली निवासी मूर्धन्य वेदज्ञ आचार्य चंद्रभानु शर्मा एवं बनारस के दिग्गज कर्मकांडी जयप्रकाश त्रिपाठी हो सकते हैं।