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कांकेर भिक्षुओं का देश था, ये ऋषि कंक, लोमेश, अंगिका और श्रृंगी की नगरी

उत्तर बस्तर कांकेर नक्सल प्रभावित जिला है। नक्सलियों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण रखने एवं कार्यवाही करने के उददेश्य से सन् 1998 में बस्तर के उत्तरी भाग को पृथक कर नया राजस्व जिला के निर्माण के साथा उत्तर बस्तर कांकेर का गठन किया गया। जिला कांकेर 25 मई 1998 से अस्तित्व में आया है जिले का 90 प्रतिशत भाग नक्सली गतिविधियों के कारण अतिसंवेदनशील है। इसका क्षेत्रफल 2585.01 वर्ग कि. एवं जनसंख्या 5,91,579 है। कांकेर के चारामा में 10000 पुराने शैल चित्र प्राप्त होते हैं। कान्केर राज्य पहले एक घने जंगल दंडकारण्य के क्षेत्र में आता था। मिथकों के मुताबिक कांकेर  भिक्षुओं का देश था। बहुत से ऋषि कंक, लोमेश, अंगिका और श्रृंगी यहां रहते थे। छठी शताब्दी से पहले यह क्षेत्र बौद्ध धर्म से प्रभावित था। कांकेर का प्राचीन इतिहास यह बताता है कि हमेशा के लिए स्वतंत्र राज्य बना रहा। 106 ई.में कांकेर राज्य सातवाहन राजवंश के अधीन था और राजा सातकर्णी थे। इन तथ्यों को चीनी यात्री व्हेनसॉन्ग ने पेश किया था। सातकर्णी के बाद पुलुमावी, शिवश्री और शिवस्कंद राजा बने थे। सातवाहन के बाद कांकेर राज्य नाग वाकाटक के नियंत्रण में था।

वाकाटक बाद कांकेर राज्य नल वंश के नियंत्रण में आ गया। इतिहासकारों की मानें तो व्याघ्र राज पहले नल शासक राजा थे। राजा वरहराज दूसरे नल शासक थे। जिन्होंने दंडकारण्य की पूरे क्षेत्र को जीता था। बता दें कि जिले के उत्तर में दुर्ग पूर्व में धमतरी पश्चिम राजनांदगांव, महाराष्ट्र प्रांत का गढ़चिरौली जिला एवं जगदलपुर स्थित है। जिला कांकेर में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 होकर गुजरती है। जिला कांकेर क्षेत्रांतर्गत ग्रामों की संख्या 1119 है। जिसमें आदिवासी बाहुल्य ग्रामों की संख्या 1000 है। जिला कांकेर नक्सल प्रभावित क्षेत्र की श्रेणी में आता है, जिले के अंतर्गत 20 थाने, 04 चौकी, एवं 36 बीएसएफ पोस्ट वर्तमान में संचालित है। इसमें थाना आमाबेड़ा, रावघाट, कोयलीबेड़ा, दुर्गूकोंदल, पखाजूर, बांदे, ताड़ोकी, सिकसोड़, बड़गांव, परतापुर, लोहत्तर, कोड़ेकुर्सी, गोण्डाहुर, छोटेबेठिया एवं कोरर अतिसंवेदनषील थानों की श्रेणी में आता है। जिला मुख्यालय से थाना आमाबेड़ा, 70 किमी., थाना रावघाट 135 किमी., थाना अंतागढ़ 181 किमी.,थाना कोयलीबेड़ा 111 किमी., थाना दुर्गूकोंदल 77 किमी., थाना बड़गांव 100 किमी.,थाना पंखाजूर 146 किमी., थाना बांदे 166 किमी.,थाना भानुप्रतापपुर 52 किमी.,थाना कोरर 32 किमी., थाना ताड़ोकी 92 किमी., थाना सिकसोड़ 90 किमी., थाना लोहत्तर 77 किमी., थाना कोड़ेकुर्सी 70 किमी., थाना परतापुर 166 किमी., थाना गोण्डाहुर 160 किमी., थाना छोटेबेठिया 175 किमी., पर स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से सम्पूर्ण कांकेर क्षेत्र, घने जंगलों दुर्लभ पहाड़ों एवं नदी नालो से अच्छादित है तथा आवगमन के सीमित साधन है। जिला मुख्यालय से समस्त थाना/चौकी पक्की सड़क से जुड़े है। यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जिले के कुल क्षेत्रफल 5285.01 वर्ग किमी. है, जिले की सीमा से लगा हुआ सीमावर्ती जिला नारायणपुर दक्षिण, में राजनांदगावं पश्चिम में, धमतरी उत्तर पूर्व में, बालोद उत्तर में एवं सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र पश्चिम में है।