Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

हेलिकॉप्टर से वैष्णो देवी दर्शन करने वालों सावधान! फर्जी ऐप के झांसे में आए इंजीनियर ने गंवाए हजारों

गाजियाबाद: वैष्णो देवी के दर्शन (Vaishno Devi Darshan) के लिए बड़ी संख्या में लोग जम्मू जाते हैं। इसे देखते हुए अब ठग भी श्रद्धालुओं को ठगने की जुगत लगाने लगे हैं। यात्रा की बुकिंग आदि के लिए फर्जी ऐप (Fake App) तैयार कर लोगों को चूना लगाया जा रहा है। हाल ही में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ इसी तरह की ठगी का मामला सामने आया है। जिसमें ठगों ने कटरा से हेलिकॉप्टर की बुकिंग के नाम पर उनसे 34 हजार 600 रुपये हड़प लिए। पीड़ित ने इस मामले में साइबर सेल में शिकायत दी है, जिसके बाद पुलिस की टीम मामले की जांच कर रही है। साइबर सेल प्रभारी सुमित ने बताया कि इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। ठग फर्जी बेससाइट बनाकर बुकिंग के नाम पर लोगों को ठगते हैं। इस गैंग को दबोचने के लिए एक टीम काम कर रही है।

क्रॉसिंग रिपब्लिक की एक सोसायटी में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रवीन सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्हें परिवार के साथ अप्रैल में वैष्णो देवी जाना था। इसके लिए उन्होंने हेलिकॉप्टर बुकिंग के लिए ऑनलाइन सर्च किया। इस दौरान सबसे ऊपर एक वेबसाइट आई। उसमें उन्होंने 12 लोगों के लिए बुकिंग की, जिसके बदले में 34 हजार 600 रुपये की ऑनलाइन पेमेंट कर दी। इसके बाद उन्हें बुकिंग के संबंध में कोई डिटेल नहीं मिली तो उन्होंने दोबारा वेबसाइट को सर्च किया तो वह चली नहीं। जिसके बाद उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दी।

विज्ञापन देकर सबसे ऊपर करवा लेते हैं साइट
साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि अक्सर जब हम कुछ सर्च करते हैं तो आमतौर पर मान लेते हैं कि जो सबसे ऊपर आएगा, वही सही होता है। इसी का फायदा उठाकर ठग कुछ रुपये खर्च करके कोई भी छोटा सा विज्ञापन देकर अपनी वेबसाइट को सबसे ऊपर पिन करवा लेते हैं। उन्होंने बताया कि पहले जो साइट सर्च करते हैं, उसका पूरा यूआरएल पता कर डालते हैं। अगर नाम के साथ सर्च किया तो थोड़ा ध्यान देने पर डमी साइट के आगे विज्ञापन लिखा दिख जाएगा।

ठगी के बाद आप डिलीट हो जाता है यूआरएल
साइबर सेल के अनुसार, यह साइट इस तरह से प्रोग्राम की जाती है कि एक ठगी या दो ठगी की वारदात के बाद वह अपने आप ही डिलीट हो जाती है। इसके बाद उन्हीं नामों से अन्य साइट दूसरा यूआरएल प्रयोग कर चलने लगती है। ऐसे में इसके बारे में ज्यादा जानकारी जुटा पाना भी मुश्किल हो जाता है।